Introduction Of Engine | इंजन का परिचय | ITI Diesel Mechanic Theory
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका StudyWithAMC के एक और फ्रेश ब्लॉग में इस पोस्ट के माध्यम से हम लोग पढ़ने वाले हैं निम्न विषयों के बारे में – Introduction Of Engine , Introduction Of Engine , Classification of Engines, External Combustion Engine, Internal Combustion Engine, Main Parts Of Internal Combustion Engine, Characteristics of Internal Combustion Engine, Classification of Internal Combustion Engines, और भी इंजन से जुड़ी हुई बहुत सी बातें इस पोस्ट में देखने वाले हैं तो चलिए शुरू करें। एक बात और अब हम डीजल मैकेनिक का सीरीज शुरू कर रहें हैं तो यहां आपको रोजाना एक नए पोस्ट मिलेंगे तो आपका स्वागत है। चलिए अब मुद्दे की बात पर आते हैं। Introduction Of Engine
Introduction Of Engine | इंजन का परिचय :-
दोस्तों इंजन एक यांत्रिक मशीन है जो उष्मीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य करती है। यह उष्मीय इंजन (Heat Engine) का ही एक स्वरूप है जो ईंधन दहन द्वारा गैसों को फैलाकर ऊष्मा प्राप्त करता है और फिर यही ऊष्मा कार्य मे परिवर्तित हो जाती है।
इंजन कितने प्रकार के होते हैं ? | How Many Types Of Engine ?
सामान्यतः इंजन दो प्रकार के होते हैं :
1 – इन्टरनल कम्बशन इंजन
2 – एक्सटर्नल कम्बशन इंजन
इन दोनों इंजन में अंतर यह है कि, इन्टरनल कम्बशन इंजन में ईंधन कम्बशन सिलेण्डर के अंदर ही होती है जबकि एक्सटर्नल कम्बशन इंजन में दहन के लिए ब्रह्मा स्रोत का सहारा लेना पड़ता है।
इंजनों का वर्गीकरण | Classification Of Engines :
इंजन को कार्यक्षमता या कार्य के भार, ईंधन के अनुसार कई भागों में वर्गीकृत किया गया है। नीचे इंजन का वर्गीकरण दर्शाया गया है।
दोस्तों ये वह ऊष्मा इंजन है जिनमे ईंधन दहन के लिए किसी बाहरी स्रोत का सहारा लिया जाता है। जो कि आप ऊपर दिए गए चित्र में देख सकते हैं। इस इंजन में बॉयलर के निचले भाग में ईंधन को जलाकर ऊष्मा उत्तपन्न की जाती है। इस ऊष्मा का प्रयोग पानी को भाप में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है।
ईंधन दहन द्वारा उत्पन्न भाप फैलकर सिलेण्डर के अंदर पिस्टन पर दबाव डालती है। इस प्रकार के इंजनों में ईंधन दहन के फलस्वरूप उत्पन्न गैसें इंजन यंत्रावली से अन्तः क्रिया करके गति एवं उपयोगी कार्य करती है।
क्योंकि इसमें दहन का कार्य अलग से होता है इस लिए ये इंजन सामान्यतः इन्टरनल कम्बशन इंजन की तुलना में अधिक बड़े होते हैं। इसका उपयोग स्टीम इंजन, ताप विधुत गृहों, कुछ रेलवे इंजनों, में किया जाता है।
नोट : रोड रोलर्स में प्रयुक्त इंजन भी इसी प्रकार के होते हैं।
इन्टरनल कम्बशन इंजन | Internal Combustion Engine :
इस इंजन में ईंधन का दहन इंजन के सिलेण्डर के अंदर होता है। जिस कारण दहन से उत्पन्न गैसों के दाब से पिस्टन रिवर्स गति करता है। इस प्रकार के इंजनों में पिस्टन एक कनेक्टिंग रॉड से जुड़ी क्रंकशॉफ्ट घूमने लगती है। इस प्रकार ईंधन की रासायनिक ऊर्जा पहले उष्मीय ऊर्जा में और फिर यह उष्मीय ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
जैसे :- जेट इंजन, पेट्रोल इंजन, डीजल इंजन आदि।
इस तरह के इंजनों का प्रयोग प्रायः ट्रक, मोटरगाड़ियों, ट्रैक्टर इत्यादि में किया जाता है। एक बात और कि अभी वर्तमान में टू विलर, थ्री विलर में भी किया जाता है।
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